.....मैं योगी हूँ.....
मैं योगी हूँ, योग से मेरा नाता है...
दिलों से जुड़ना जानता हूँ मैं
आप की आशीर्वाद ही मुझे भाता है...
भोग से वास्ता नहीं मुझे
सहयोग की कामना करता हूँ...
जिंदगी जीना है हमें
प्यार की इजहार की राह धरता हूँ..
मैं योगी हूँ, योग से मेरा नाता है...
दिलों से जुड़ना जानता हूँ मैं
आप की आशीर्वाद ही मुझे भाता है...
चलें.. नया युग वनाएँ..
काल के कपाल पर आश जगाएं
हर होठों पर मुस्कराहट लाएं
कंधे से कन्धा मिलाएं और
नयी उम्मीदों का दिया जलाएं...
मैं योगी हूँ, योग से मेरा नाता है...
दिलों से जुड़ना जानता हूँ मैं
आप की आशीर्वाद ही मुझे भाता है...
कितना आसान है आँखों से आँखें मिलाना
कितना आसान है दूसरों के लिए मर मिटना
हाथ से हाथ मिलाकर चलें
तो मंजिल कभी दूर नहीं...
भरोसे पर खरा उतरना दुरूह नहीं..
मैं योगी हूँ, योग से मेरा नाता है...
दिलों से जुड़ना जानता हूँ मैं
आप की आशीर्वाद ही मुझे भाता है...
कौन अपना है और कौन पराया
यह मुल्क मेरा है इसके वासीदें मेरे..
मैं उनके साथ हूँ और ये हैं मेरे प्रजा
उन्हीं के साथ रहूँगा मैं सांझ सवेरे..
मैं योगी हूँ, योग से मेरा नाता है...
दिलों से जुड़ना जानता हूँ मैं
आप की आशीर्वाद ही मुझे भाता है...
सच्चिदानन्द मिश्र
@स्वत्व संरक्षित
मैं योगी हूँ, योग से मेरा नाता है...
दिलों से जुड़ना जानता हूँ मैं
आप की आशीर्वाद ही मुझे भाता है...
भोग से वास्ता नहीं मुझे
सहयोग की कामना करता हूँ...
जिंदगी जीना है हमें
प्यार की इजहार की राह धरता हूँ..
मैं योगी हूँ, योग से मेरा नाता है...
दिलों से जुड़ना जानता हूँ मैं
आप की आशीर्वाद ही मुझे भाता है...
चलें.. नया युग वनाएँ..
काल के कपाल पर आश जगाएं
हर होठों पर मुस्कराहट लाएं
कंधे से कन्धा मिलाएं और
नयी उम्मीदों का दिया जलाएं...
मैं योगी हूँ, योग से मेरा नाता है...
दिलों से जुड़ना जानता हूँ मैं
आप की आशीर्वाद ही मुझे भाता है...
कितना आसान है आँखों से आँखें मिलाना
कितना आसान है दूसरों के लिए मर मिटना
हाथ से हाथ मिलाकर चलें
तो मंजिल कभी दूर नहीं...
भरोसे पर खरा उतरना दुरूह नहीं..
मैं योगी हूँ, योग से मेरा नाता है...
दिलों से जुड़ना जानता हूँ मैं
आप की आशीर्वाद ही मुझे भाता है...
कौन अपना है और कौन पराया
यह मुल्क मेरा है इसके वासीदें मेरे..
मैं उनके साथ हूँ और ये हैं मेरे प्रजा
उन्हीं के साथ रहूँगा मैं सांझ सवेरे..
मैं योगी हूँ, योग से मेरा नाता है...
दिलों से जुड़ना जानता हूँ मैं
आप की आशीर्वाद ही मुझे भाता है...
सच्चिदानन्द मिश्र
@स्वत्व संरक्षित
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